पिंजौर में 78.33 एकड़ में बनेगी अत्याधुनिक सेब और फल मार्केट, निर्यात बढ़ाने पर सरकार का फोकस
हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड 78.33 एकड़ क्षेत्र में पिंजौर में अत्याधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मार्केट विकसित करेगा। विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचे और व्यावसायिक मापदंडों के आधार पर इसे स्थापित किया जाएगा। बोर्ड ने इससे पहले शुक्रवार को चंडीगढ़ में स्टेक होल्डर परामर्श मीट बुलाई है। इसमें कृषि एवं बागवानी मंत्री जेपी दलाल मौजूद रहेंगे। मीट के दौरान विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ तीन सत्र में अनेक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। समूह चर्चा के दौरान नई मार्केट से जुड़े सभी पहलुओं पर विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल मीट की शुरूआत में अपनी बात रखेंगे। कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक जे. गणेशन ने बताया कि पिंजौर सेब, फल, सब्जी मार्केट हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में उगाए जाने वाले फलों और सब्जियों के लिए क्षेत्रीय संग्रह और वितरण केंद्र साबित होगा।
यह बाजार नवीनतम तकनीक, मशीनरी और अग्रिम प्रबंधन प्रणालियों के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाएगा। पारदर्शी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए यह बाजार नीलामी के अग्रिम तरीकों को अपनाएगा। देश और दुनिया में यह मार्केट किसानों द्वारा उगाए जाने वाले प्रमुख फलों और सब्जियों के व्यापार और वितरण को लेकर भी कार्य करेगी।
टमाटर, शिमला मिर्च, मशरूम, लहसुन, मटर आदि का बड़े पैमाने पर व्यापार यहां से किया जाएगा। इसमें अग्रिम कोल्ड स्टोरेज व नियंत्रित वातावरण भंडारण की सुविधा मौजूद रहेगी। यहां उपभोक्ताओं, किसानों, व्यापारियों, कंपनियों और अन्य हितधारकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। अर्नस्ट एंड यंग कंपनी मार्केट को लेकर विस्तृत अध्ययन करने में डोमेन विशेषज्ञ की भूमिका निभा रही है।
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल मीट की शुरूआत में अपनी बात रखेंगे। कृषि विपणन बोर्ड के मुख्य प्रशासक जे. गणेशन ने बताया कि पिंजौर सेब, फल, सब्जी मार्केट हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू और कश्मीर में उगाए जाने वाले फलों और सब्जियों के लिए क्षेत्रीय संग्रह और वितरण केंद्र साबित होगा।
यह बाजार नवीनतम तकनीक, मशीनरी और अग्रिम प्रबंधन प्रणालियों के साथ आधुनिक बुनियादी ढांचे के लिए जाना जाएगा। पारदर्शी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए यह बाजार नीलामी के अग्रिम तरीकों को अपनाएगा। देश और दुनिया में यह मार्केट किसानों द्वारा उगाए जाने वाले प्रमुख फलों और सब्जियों के व्यापार और वितरण को लेकर भी कार्य करेगी।
टमाटर, शिमला मिर्च, मशरूम, लहसुन, मटर आदि का बड़े पैमाने पर व्यापार यहां से किया जाएगा। इसमें अग्रिम कोल्ड स्टोरेज व नियंत्रित वातावरण भंडारण की सुविधा मौजूद रहेगी। यहां उपभोक्ताओं, किसानों, व्यापारियों, कंपनियों और अन्य हितधारकों के लिए सभी सुविधाएं मौजूद रहेंगी। अर्नस्ट एंड यंग कंपनी मार्केट को लेकर विस्तृत अध्ययन करने में डोमेन विशेषज्ञ की भूमिका निभा रही है।
मीट में इन बिंदुओं पर होगी चर्चा
- सेब, फलों और सब्जियों की नीलामी का तरीका क्या होना चाहिए, ताकि किसानों की आय में काफी वृद्धि हो।
- बाजार में किस प्रकार के बुनियादी ढांचे और सुविधाओं का विकास किया जाना चाहिए, ताकि किसानों, किसानों के समूहों, उपभोक्ताओं, व्यापारियों और अन्य हितधारकों को बड़े पैमाने पर लाभान्वित किया जा सके
- कार्यालय की जगह, कोल्ड स्टोर, दुकानें, ग्रेडिंग की सुविधा और अन्य बुनियादी सुविधाओं को कैसे आवंटित किया जाए ताकि बाजार से नियमित आय उत्पन्न हो सके।
- कोल्ड, सीए स्टोर्स, रिपिंग चैंबर्स, सॉर्टिंग ग्रेडिंग व मानकीकरण सुविधाएं सरकार उपलब्ध कराएगी या पीपीपी मोड के तहत बिल्ड, ऑन, ऑपरेट आधार पर निजी उद्यमियों को देंगे।
फूलों, फलों और सब्जियों का निर्यात बढ़ाने की तैयारी
हरियाणा में सरकार अब फूलों, फलों और सब्जियों का निर्यात बढ़ाने की तैयारी कर रही है। ताकि इनकी खेती करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ सके और साथ ही निर्यात बढ़ने से प्रदेश के आर्थिक विकास रफ्तार पकड़े। कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इस संदर्भ में बागवानी विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर मंथन किया।
बैठक के दौरान मंत्री जयप्रकाश दलाल ने बताया कि प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सब्जियों, फलों और फूलों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं को बागवानी संबंधित कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें विदेश में रोजगार योग्य बनाया जा सके। बैठक में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के निदेशक डा. बीएस सेहरावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
हरियाणा में सरकार अब फूलों, फलों और सब्जियों का निर्यात बढ़ाने की तैयारी कर रही है। ताकि इनकी खेती करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ सके और साथ ही निर्यात बढ़ने से प्रदेश के आर्थिक विकास रफ्तार पकड़े। कृषि मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इस संदर्भ में बागवानी विभाग के अफसरों के साथ बैठक कर मंथन किया।
बैठक के दौरान मंत्री जयप्रकाश दलाल ने बताया कि प्रदेश में बागवानी को बढ़ावा देने के लिए सब्जियों, फलों और फूलों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही युवाओं को बागवानी संबंधित कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि उन्हें विदेश में रोजगार योग्य बनाया जा सके। बैठक में एकीकृत बागवानी विकास मिशन के निदेशक डा. बीएस सेहरावत सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फूलों का बाजार बहुत बड़ा बाजार है इसलिए फूलों की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रचार प्रसार किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान फूलों की खेती को अपनाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा दिया जाए ताकि किसानों की आमदनी में वृद्धि करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जिन योजनाओं के तहत सब्सिडी दी जा रही है, उनकी समय-समय पर पूरी तरह से निगरानी भी की जाए। दक्षिण हरियाणा में भी बागवानी को बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग अमल में लाए जाएं ।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में 66,712 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों, 4,20,857 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती की गई। बैठक में बताया गया कि मशरूम की खेती में लगभग 180 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है और हरियाणा का सोनीपत मशरूम की खेती के लिए देश में पहले स्थान पर है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा जिन योजनाओं के तहत सब्सिडी दी जा रही है, उनकी समय-समय पर पूरी तरह से निगरानी भी की जाए। दक्षिण हरियाणा में भी बागवानी को बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग अमल में लाए जाएं ।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2018-19 में प्रदेश में 66,712 हेक्टेयर क्षेत्र में फलों, 4,20,857 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जियों की खेती की गई। बैठक में बताया गया कि मशरूम की खेती में लगभग 180 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है और हरियाणा का सोनीपत मशरूम की खेती के लिए देश में पहले स्थान पर है।