सूरजकुंड मेला : देश और विदेशी की संस्कृति पर झूमे दर्शक
सूरजकुंड मेला : देश और विदेशी की संस्कृति पर झूमे दर्शक
फरीदाबाद। सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय हस्तशिल्प मेला अपनी पूरी रंगत पर पहुंच चुका है। मेला समाप्त होने में चार दिन शेष हैं, ऐसे में दर्शकों की भीड़ लगातार बढ़ रही है। मेला परिसर में सारा दिन दर्शक ढोल नगाड़ों की थाप पर नाचते गाते दिखाई देते हैं। बुधवार को भी खिली-खिली धूप में मेले का माहौल खुशनुमा बना हुआ था। चौपाल पर देश विदेश के कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों को बांधे रखा। थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश का गुमारकी नृत्य हो या फिर ताजिकिस्तान का पामीरी नृत्य दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का हौसला बढ़ाया।
सूरजकुंड हस्तशिल्प मेले की चौपाल पर बुधवार को थीम स्टेट हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से आए कलाकारों ने गुमारकी नृत्य प्रस्तुत किया। इसमें हिमाचल प्रदेश के विभिन्न जिलों में स्थित देवियों का आह्वान किया गया एवं ज्योति जलाकर पूजा की गई। नृत्य के दौरान कलाकारों ने लहर-लहर ज्योति लहराई, जय हो मेरी ज्वाला माई गीत गाया। इसके अलावा गुजरात के कलाकारों ने सिद्धी गोमा, मथुरा से आए कलाकारों ने फूलों की होली, ललक ग्रुप की ओर से एक तारा सहित अरुणाचल प्रदेश व लद्दाख के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। दर्शकों ने सभी को खूब सराहा।
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सांस्कृतिक संध्या में विदेशी कलाकारों का रहा जलवा
शाम को विदेशी मेहमानों ने मंच पर अपना जलवा बिखेरा। चौपाल पर ताजिकिस्तान, मिस्र व सूडान के कलाकारों ने प्रस्तुति दी। कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से अपने देश की कला संस्कृति को दर्शाने का प्रयास किया। इस दौरान उन्होंने हिंदी फिल्मी गानों पर भी प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। मिस्र के कलाकारों ने तनूरा नृत्य प्रस्तुत किया तो रिपब्लिक ऑफ सूडान के कलाकार मनाल व खालिद ने आईएमए डिस्को डांसर गीत के साथ शुरुआत की।